शहिदों को श्रद्धांजलि देने के नाम पर खुद की वहावाही लुटने का काम किया जाता है लालची नेताओं के चमचे किन्तु अब देश को चमचों की नहीं तमंचों की जरुरत है देश को जरूरत है एक सेनापति की जो धोखेबाज नेता और उसके चम्मच को सबक सिखाने के लिए और देश को बर्बाद हो से बचा सके मध्य लोकमार्मिक अखबार बना राष्ट्रीय जनता की आवाज बेखोफ बेबाक सच्ची कलम संपादक पारस गवली जी के स्पष्ट विचार
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